‘बुच्ची दाय’ सुनने में लीलावती को आनंदातिरेक की अनुभूत्ति क्यों होती है । Bucchi day Sunane mein lilavati ko aandatirek ki Anubhuti kyon hoti hai

नमस्ते स्टूडेंट इस पोस्ट में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में बिहार बोर्ड कक्षा 9th के हिन्दी विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम पेपर में पूछा गया महत्वपूर्ण प्रश्न “‘बुच्ची दाय’ सुनने में लीलावती को आनंदातिरेक की अनुभूत्ति क्यों होती है”(Bucchi day Sunane mein lilavati ko aandatirek ki Anubhuti kyon hoti hai) का उत्तर दिया गया है। यहां पर इस सवाल के चार उतर दिए गए हैं। और चारों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन चारों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

‘बुच्ची दाय’ सुनने में लीलावती को आनंदातिरेक की अनुभूत्ति क्यों होती है । Bucchi day Sunane mein lilavati ko aandatirek ki Anubhuti kyon hoti hai

Q:  ‘बुच्ची दाय’ सुनने में लीलावती को आनंदातिरेक की अनुभूत्ति क्यों होती है  । Bucchi day Sunane mein lilavati ko aandatirek ki Anubhuti kyon hoti hai

Answer – 

जब नरेश ने ‘बुच्ची दाय’ कहा, तो इसके पीछे की भावना ने लीलावती के मन को गहरे तक छू लिया। इस शब्द में छिपे प्रेम और आत्मीयता ने उसे आनंद की चरम अनुभूति दी। लीलावती को महसूस हुआ कि इस शब्द ने उसकी आत्मा को गहरे स्तर पर छुआ और उसे अपार सुख का एहसास हुआ।

उतर 2

बुच्ची दाय शब्द के सरल और स्नेहपूर्ण उच्चारण ने लीलावती के मन में गहरा प्रभाव छोड़ा। इस शब्द में छिपी आत्मीयता और अपनेपन ने उसे आनंद से भर दिया। इस कारण लीलावती को उस क्षण अपार सुख और संतुष्टि का अनुभव हुआ, जिससे वह गहरी भावनात्मक संतुष्टि में डूब गई।

उतर 3

नरेश द्वारा कहे गए शब्द ‘बुच्ची दाय’ में जो स्नेह और अपनापन छिपा था, उसने लीलावती के दिल को गहरे तक छू लिया। यह शब्द न केवल प्रेम से भरा था, बल्कि इसके पीछे की भावना ने लीलावती के मन को अत्यधिक आनंद से भर दिया, जिससे उसे मानसिक शांति और खुशी मिली।

उतर 4

जब नरेश ने बुच्ची दाय कहा, तो लीलावती के मन में प्रेम और स्नेह की भावना जागी। बुच्ची दाय शब्द ने उसे अपार खुशी और आत्मीयता का एहसास दिलाया। इस एक शब्द के मधुर उच्चारण ने लीलावती के मन को आनंद से भर दिया, जिससे उसे अद्भुत मानसिक सुख का अनुभव हुआ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top